उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, जो पहले अपनी कड़ी नीतियों और अडिग निर्णयों के लिए जानी जाती थी, अब जनता की मर्जी के अनुसार कार्य कर रही है। सरकार के दो महत्वपूर्ण यू-टर्न ने इस बदलाव का संकेत दिया है। इन यू-टर्न्स ने न केवल जनता का विश्वास जीता है बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली में भी लचीलापन और समावेशिता को दर्शाया है।
पहला यू-टर्न: कृषि कानून वापसी
पहला बड़ा यू-टर्न तब देखा गया जब सरकार ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय को बदल दिया। किसानों की नाराजगी और लगातार हो रहे प्रदर्शन ने सरकार को इस बात का एहसास दिलाया कि जमीनी हकीकत को समझे बिना कोई भी निर्णय लेना गलत हो सकता है। योगी सरकार ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से संवाद किया और अंततः कृषि कानूनों को वापस लेने का समर्थन किया। इस कदम ने किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाया और उन्हें राहत पहुंचाई।
दूसरा यू-टर्न: सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) पर नरमी
दूसरा महत्वपूर्ण यू-टर्न सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के मामले में देखा गया। शुरूआत में सरकार इस मुद्दे पर सख्त थी और विरोध प्रदर्शनों को सख्ती से दबाने का प्रयास किया। लेकिन जैसे-जैसे विरोध बढ़ता गया और जनता की नाराजगी सामने आई, योगी सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया। सरकार ने संवाद और समन्वय के माध्यम से समाधान निकालने की कोशिश की, जिससे जनता के साथ एक सकारात्मक संवाद स्थापित हो सका।
जनता की मर्जी से शासन
इन दोनों यू-टर्न्स से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार अब जिद पर नहीं, बल्कि जनता की मर्जी से चल रही है। सरकार ने यह समझ लिया है कि विकास और कल्याण के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए जनता का समर्थन और विश्वास जरूरी है। जनता की मांगों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण और निर्णय लेना, सरकार की नई कार्यप्रणाली का हिस्सा बन गया है।
लचीला और समावेशी दृष्टिकोण
इन बदलावों ने योगी सरकार की छवि को भी बदल दिया है। पहले जहाँ सरकार की छवि कठोर और अडिग निर्णय लेने वाली थी, वहीं अब यह लचीली और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने वाली सरकार के रूप में उभर रही है। जनता की आवाज को सुनना और उनके हितों को प्राथमिकता देना, सरकार की नई रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
योगी सरकार के इन दो यू-टर्न्स ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब सरकार जनता की मर्जी से चल रही है, न कि जिद और अडिगता से। इस बदलाव ने न केवल जनता का विश्वास जीता है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली में भी सकारात्मक बदलाव लाया है। सरकार के इस लचीले और समावेशी दृष्टिकोण ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा और दृष्टि प्रदान की है, जो राज्य के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।